Freedom Fighter Sh. Ram Sahai Sharma (Daulatpura- Benad) Jaipur |
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रामसहाय शर्मा |
आपका जन्म सन् 1916 में श्री महादेव जी मिस्त्री के यहां दौलतपुरा (बैनाड), तह. आमेर जयपुर में हुआ। श्री महादेव जी मिस्त्री सोना-चाँदी, लोहा के गर्म काम के विशेषज्ञ थे। आपकी प्राथमिक शिक्षा गांव के मंदिर में जोशी जी के यहां हुई। घर में पिताजी के पास गांव के किसानों के लकड़ी का काम की प्रारंभिक दीक्षा के बाद उपार्जन के लिये 16 वर्ष की उम्र में अहमदाबाद चले गये। वहां पर तीन वर्ष तक काम किया। अहमदाबाद में 1936 से 1939 के मध्य महात्मा गांधी के सम्पर्क में आये और उनके प्रतिदिन प्रवचन, भाषण सुनने, स्वदेशी के विचार सुनने से प्रभावित हुए। देश को आजाद कराने के लिए उनके द्वारा चलाये आन्दोलन में भाग लिया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन और गांधी जी के असहयोग आंदोलन में विदेशी मिलों के कपड़ों की खोराबीसल में श्री खोराजी के साथ होली जलाकर खादी पहनना शुरू किया।
1939 में जयपुर आकर रेल्वे में ठेके पर लकड़ी के स्लीपर खींचने का कार्य किया। इस काम के पूरा होने के बाद बम्बई में साझेदारी में व्यवसाय शुरू किया, जो 6-7 वर्ष चला। वहां कमाई ठीक-ठाक चल रही थी कि दूसरे विश्व युद्ध की मार बम्बई में आ जाने की अफवाह से बम्बई छोड़कर वापस जयपुर में आकर काम शुरू किया। सर्वप्रथम सहकारी समिति संस्था 1952 में बनाकर चर्खा, पेटी चर्खा, अम्बर चर्खा, तेल घाणी आदि गांव में ही उद्योग लगाकर बनाने लगे। इसके बाद डीजल इंजिनों से चक्की और कुतर मशीनें 1955 में चालू की तथा ट्रेक्टरों पर मशीन लगाकर गांव-गांव में कुतर का कार्य किया। लड़कों को सबको शिक्षा पाने के लिये प्रेरित किया, उन्हें पढ़ाया और गांव वालों को भी शिक्षा का प्रचार-प्रसार के लिये गांव में शाला खुलवाई, भवन बनवाया।
इस समय क्षेत्र में प्रजा मण्डल की स्थापना हुई थी तो उसमें बढ़चढ़ कर भाग लिया। गांव में सभाऐं की तथा जागीरदारों के खिलाफ वातावरण तैयार किया। गांव के तत्कालीन जागीरदार से बैठ-बेगार के लिये माफी करवाई और लगान कम करने के लिये मुकदमा लड़ा और जीत कर जनता को राहत दिलाई। यह वाकया दरबार मानसिंह के राज में रावल संग्राम सिंह जी की कोर्ट में जीता गया। बाद में दूसरा आम जनता को छान छप्पर वास्त पूला-पानी फ्री के लिये मुकदमा जीता। इस तरह आम जनता के लिये अनेक बार जागीरदारों से लड़ाई लड़ी।
सार्वजनिक सम्पर्क में रहते आजादी के बाद जब काग्रेंस की स्थापना हुई तो आमेर मण्डल में सक्रियता से कार्य किया। पंचायत राज की स्थापना बाद पहले पंच, फिर उपसरपंच निर्विरोध रहे और 1965 से सरपंच पद पर लगातार 13 वर्ष रहे और जनता की निःस्वार्थ सेवा की। पंचायत समिति से कभी यात्रा भत्ता या स्वत्रंता सेनानी पेंशन नहीं ली। आपके पाँच पुत्र जिनको आपने शिक्षा में प्राथमिकता से अध्ययन कराया तथा तकनीकी शिक्षा डिप्लोमा, स्नातक इंजिनियरिंग कराया।
स्त्री शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और अपनी पुत्रियों तथा पौत्रियों को गाँव के स्कूल की शिक्षा के बाद शहर में स्कूल बस से न्यूनतम बारहवीं तक की शिक्षा दिलवाई। लड़के, पोते, पोतियों ने अनेक जिला और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में पाठशाला का नाम किया। उन्होंने विश्वकर्मा में कोल्ड रोलिंग मिल चालू की और जोड़ला (हरमाड़ा) में अपोलो टायर की डीलरशिप का बिजनेस किया। आपका पूरा परिवार सामूहिक रूप से गांव ही रहता है तथा प्रतिदिन सभी सदस्य शहर को अप-डाउन करते।
गांव के फार्म हाउस की श्री रामसहाय जी देखभाल करते और परिजनों को वहां से निर्देशित करते है सभी नई पीढ़ी को अनुशासन में रखते, दुर्व्यसनों से बचाकर रखते। ग्रामवासी प्रातः उनके पास आकर आपसी झगड़ो का निपटारा करते थे। अन्य विकास कार्यों के लिये राज्य सरकार, केन्द्र सरकार के जन प्रतिनिधियों के साथ प्रस्तुत कर निदान पाते थे। शुरू से ही सामाजिक कार्यों सभाओं में नेतृत्व किया और समाज सुधार में भाग लिया, समाज के मंदिर, पाठशाला की व्यवस्था में यथाशक्ति योगदान दिया मार्गदर्शन किया है। हमेशा सादा जीवन और हंसमुख प्रवृति से समाज का दिल जीता है। भरे - पूरे परिवार में आपके दो नाती तथा पाँच पुत्र है व दस पौत्र तथा छः परपौत्र हैं।
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Ex. MP Sh. Nawal Kishore Sharma honoured by Sh. Ram Sahai Sharma |
Sh. Ram Sahai Sharma welcoming Sh. Sahdev Sharma (Ex-MLA of Raj.) |
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Sh. Ram Sahai Sharma welcoming Sh. Hari Dev Joshi (Ex- CM of Raj.) |
Sh. Ram Sahai Sharma with students on the occasion of Independance Day at their residence |
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Sh. Ram Sahai Sharma welcoming Sh. Mahesh Joshi (Ex- Cheif Invegilitor of Raj.) |
Freedom Fighter Sh. Ram Sahai
Sharma |
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Honoured by Marudhara Shri Alankaran 2002 by Sh. Khet Singh Rathore & Sh. Madho Singh Deewan
(Ex-Minister, Raj.) |
Receiving Appreciation Letter from Khoraji Smarak Samiti Khorabeesal, Jaipur through Sh. Nanu Ram Bansiwal (8
Oct. 2005) |
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Honoured by Bhamashah Alankaran
by Jangid Brahmin Seva Samiti, Dehar Ka Balaji, Jaipur, Raj. |